000 01614 a2200241 4500
001 RB1320
003 IN-BhIIT
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008 240820b |||||||| |||| 00| 0 eng d
020 _a9789357755535 (HB)
040 _aIN-BhIIT
041 _ahin
082 _a891.433
_bDWI/R
100 _aDwivedi, Amresh.
_eAuthor
_924417
245 _6880-02
_aRang putusiya /
_cby Amresh Dwivedi.
260 _aNew Delhi :
_bVani Prakashan,
_c2023.
300 _a302 p. :
_bill. ;
_c24 cm.
500 _a
520 _a"उन सभी मिले-जुले लोगों के लिए जिन्होंने एक-दूसरे की ज़िन्दगी जी है। फ़िल्म 'काला पत्थर' के रिलीज़ के दौर में लौटकर ओढ़ लीजिए उन यादों की गुनगुनी रज़ाई जिसमें क़स्बाई बारीकियों को छाँट-छाँट कर पिरोया गया है। ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ये उपन्यास रोचकता में कुछ-कुछ श्रीलाल शुक्ल की कथा-शैली की याद दिलाता है। - तिग्मांशु धूलिया फ़िल्ममेकर"
650 _aHindi novel.
_917397
880 _6100-02
_aरंग पुटुसिया /
_b
_cअमरेश द्विवेदी के द्वारा।
942 _cRB
999 _c14112
_d14112