000 | 02306 a2200253 4500 | ||
---|---|---|---|
001 | RB1302 | ||
003 | IN-BhIIT | ||
005 | 20240828154351.0 | ||
008 | 240809b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9780143465584 (pbk) | ||
040 | _aIN-BhIIT | ||
041 | _ahin | ||
082 |
_a330.954 _bRAJ/B |
||
100 |
_aRajan, Raghuram _eAuthor _924173 |
||
245 |
_aBreaking the mould : _6880-02 _bbharat ke aarthik bhavishya ki punah kalpna / _cby Raghuram Rajan and Rohit Lamba |
||
260 |
_aHaryana : _bPenguin Swadesh, _c2023. |
||
300 |
_axxxi, 288 p. : _c25cm. |
||
520 | _aआज का भारत किधर जा रहा है? क्या यह इंग्लैंड को पाँचवे पायदान से पछाड़कर आगे वाकई विकास की राह पर है या अपने लाखों-करोड़ों युवाओं को रोजगार देने में नाकामयाब हो रहा है? भारत आज चौराहे पर है। गलाकाट प्रतियोगिता और ऑटोमेशन इसके विनिर्माण क्षेत्र के लिए खतरा बन गए हैं। इस किताब में लेखकद्वय कह रहे हैं कि हम कैसे अपने मानव संसाधन पर ध्यान देकर और अपने मैनुफैक्चरिक सेक्टर को बढ़ाकर देश को तरक्की की राह पर ला सकते हैं। इसके लिए आर्थिक सुधार, संस्थाओं का लोकतांत्रिकरण और विकेंद्रीकरण पर ध्यान देना होगा। | ||
650 |
_aCaptivating exploration _924174 |
||
650 |
_aGovernance _924175 |
||
700 |
_aLamba, Rohit _eJoint Author _924176 |
||
880 |
_6100-02 _aब्रेकिंग द मोल्ड : _bभारत के आर्थिक भविष्य की पुन:कल्पना / _cरघुराम जी. राजन और रोहित लाम्बा के द्वारा |
||
942 |
_cRB _01 |
||
999 |
_c14088 _d14088 |